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Top 5 Powerful Friendly Parenting Tips : बच्चों के विकास के लिए

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21वीं सदी में Friendly Parenting बच्चों की परवरिश का एक अत्याधुनिक तरीका है जो माता-पिता और बच्चों के बीच Trust, Respect और Free Communication पर केंद्रित है। मनोवैज्ञानिक शोधो से पता चलता है कि अधिकार या दंड का उपयोग करने के बजाय, Friendly Parenting बच्चे की भावनाओं, आवश्यकताओं और उनके नजरिए को समझने को प्रोत्साहित करती है।

यह परवरिश का तरीका एक सकारात्मक वातावरण को बढ़ावा देता है। जो बच्चों के समग्र भावनात्मक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विकास में सहायक होता है। सहानुभूतिपूर्ण एवं सहयोगी की भूमिका से, माता-पिता अपने बच्चों को आत्मविश्वास से बढ़ने और बेहतर निर्णय लेने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं, साथ ही एक निकटतम एवं भावनात्मक बन्धन भी बनाए रख सकते हैं।

Friendly Parenting बच्चों के समग्र विकास में निम्नलिखित रूपों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है:-

Emotional Development:

बच्चों के जीवन में Friendly Parenting एक सुरक्षित भावनात्मक स्थान बनाता है जहाँ बच्चे मूल्यवान और समझे जाने का अनुभव करते हैं। जब माता-पिता सहानुभूति और धैर्य के साथ जुड़ते हैं, तो बच्चे अपनी भावनाओं को स्वस्थ तरीके से व्यक्त करना और उनका प्रबंधन करना सीखते हैं, जिससे बेहतर भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित होती है।

Social Skill:

जब माता-पिता बच्चों के साथ स्नेह व सम्मानपूर्वक बातचीत करते है तो बच्चें भी दूसरों के साथ सकारात्मक रूप से बातचीत करना सीखता है। वे सहयोग, सहानुभूति और संघर्ष-समाधान जैसे प्रमुख सामाजिक कौशल (Social Skill) सीखते हैं, जो जीवन भर मजबूत संबंध बनाने के लिए आवश्यक हैं।

Cognitive Development:

बच्चों के साथ खुला संवाद के माध्यम से जिज्ञासा और रचनात्मकता बढ़ती है।  जिसको प्रोत्साहित करने से बच्चों में तथ्यात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। Friendly Parenting एक विकासवादी  मानसिकता को बढ़ावा देता है, जहाँ बच्चे सवाल पूछने और नए विचारों की खोज करने में सहज महसूस करते हैं।

Self-Confidence:

Friendly Parenting से पले-बढ़े बच्चे अपनी क्षमताओं और निर्णयों में सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि वे लगातार आलोचना या सज़ा से डरते नहीं हैं। इससे उनका आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे उनमें जोखिम उठाने की क्षमता का विकास होता हैं और असफलता के डर के बिना वे आगे बढ़ पाते हैं।

Mental Health:

एक सहायक और समझदार घरेलू माहौल बच्चों में तनाव और चिंता को कम करता है। Friendly Parenting माता-पिता और बच्चे के बीच के बंधन को मजबूत करता है, मानसिक स्वास्थ्य, लचीलापन और सकारात्मक आत्म-अवधारणा को बढ़ावा देता है।

उपरोक्त वर्णनों को देखकर हम कह सकते है कि Friendly Parenting यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे मानसिक और भावनात्मक रूप से संतुलित और स्वस्थ तरीके से विकसित हों, जिससे वे एक सफल और पूर्ण जीवन के लिए तैयार हों। वर्तमान समय में विशेषज्ञों ने Friendly Parenting के ढेर सारे तरीको की व्याख्या की है।  जिन्हे हम थोड़े से ही प्रयास से सीख सकते है। 

इन तरीको को सीखने के लिए Parenting Books का सहयोग ले सकते है, Parenting के क्षेत्र में व्यावसायिक रूप से काम करने वाले विशेषज्ञों का सहयोग ले सकते है या तो internet पर बहुत सारे विशेषज्ञों द्वारा द्वारा लिखे गए Blog-Post का भी सहारा ले सकते है।  आइये यहाँ हम कुछ प्रमुख Friendly Parenting तरीको की चर्चा करते है जिनकी सहायता से हम बच्चों को अच्छी परवरिश दे सकते है :

1. बच्चों को ध्यान से सुनना (Active Listening):

यहाँ  सक्रिय रूप से सुनने का मतलब है कि जब आपका बच्चा बोल रहा हो तो उस पर पूरा ध्यान देना, सिर्फ़ उनके शब्दों को सुनना नहीं बल्कि उनकी भावनाओं और विचारों को समझना और उनके शब्दों के अनुसार भाव व्यक्त करना।

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विशेषज्ञों ने इस तरह की Friendly Parenting के लाभों की चर्चा करते हुए कहा है कि  जब आप सक्रिय रूप से अपने बच्चे की बात सुनते हैं, तो आप विश्वास की नींव बनाते हैं। वे अपनी भावनाओं और विचारों को साझा करने में ज़्यादा सहज महसूस करते है, यह जानते हुए कि आप वास्तव में उनमें रुचि रखते हैं।

How to Implement:

फ़ोन या टीवी जैसी किसी चीज़ से विचलित हुए बिना अपने बच्चे से बात करने के लिए हर दिन समय निकालें। आँख से आँख मिलाकर, सिर हिलाकर और उनकी बातों के बारे में सवाल पूछकर उन्हें दिखाएँ कि आप ध्यान दे रहे हैं। उन्हें अपने विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें, भले ही वह कोई छोटी सी बात ही क्यों न हो।

बीच में टोकने या सलाह देने से बचें; कभी-कभी, उन्हें बस सुनने की ज़रूरत होती है। धैर्य रखकर और ध्यानपूर्वक सुनकर आप ऐसा वातावरण तैयार करते हैं, जहां आपका बच्चा अपनी बात खुलकर कहने में सुरक्षित महसूस करता है। यानी Friendly Parenting का मतलब Less Correct & More Connect.

2. अच्छे कामों की तारीफ़ (Positive Reinforcement):

यहाँ अच्छे कामों की तारीफ़ का मतलब है,  सकारात्मक सुदृढीकरण। यह व्यवहार आपके बच्चे के किसी भी अच्छे व्यवहार की सराहना और उसे पुरस्कृत करने के बारे में है, चाहे वह प्रशंसा के माध्यम से हो, गले लगाने के माध्यम से हो या सोने से पहले कहानी सुनाने जैसे छोटे-मोटे पुरस्कारों के माध्यम से हो।

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विशेषज्ञों ने Friendly Parenting के होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए कहा है कि जब बच्चों को उनके प्रयासों के लिए प्रशंसा मिलती है, तो इससे उनका आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान बढ़ता है। वे अच्छे व्यवहार के महत्व को समझने लगते हैं और अच्छा व्यव्हार करने के लिए अधिक प्रेरित होते हैं।

सकारात्मक सुदृढीकरण (Positive einforcement) माता-पिता और बच्चों के बीच एक मजबूत आत्मिक बन्धन को भी बल देता है।

How to Implement:

Friendly Parenting पद्धति अपनाने वाले माता-पिता को बच्चों के केवल परिणाम के बजाय प्रयास की प्रशंसा करने पर ध्यान देना चाहिये ।

उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा स्कूल प्रोजेक्ट पर काम करने में समय बिताता है, तो केवल यह कहने के बजाय, “आपने अपने ग्रेड के लिए अच्छा काम किया,” यह कहने का प्रयास करें, “मुझे इस प्रोजेक्ट पर आपकी कड़ी मेहनत पर गर्व है!” Friendly Parenting तकनीकि केवल परिणाम नहीं, बल्कि उनके समर्पण के मूल्य पर जोर देता है।

3. नियम बनाये पर प्यार से (Set Clear Boundaries with Flexibility):

Friendly Parenting के अन्तर्गत स्पष्ट सीमाएँ निर्धारित करने का मतलब है अपने बच्चे के व्यवहार के लिए नियम और अपेक्षाएँ बनाना, लेकिन ये नियम और अपेक्षाएं उनकी सहमति, प्यार और समझ के साथ करना। इस नियम से तात्पर्य उन्हें परिस्थियों के साथ मार्गदर्शन करने के बारे में है।

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  साथ ही साथ बच्चों की व्यक्तिगत ज़रूरतों, भावनाओं और स्थितियों के बारे में भी जागरूक रहना चाहिए।

विशेषज्ञों ने इसके होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए कहा है कि स्पष्ट सीमाएँ बच्चों को यह समझने में मदद करती हैं कि उनसे क्या अपेक्षित है, जिससे उन्हें सुरक्षित महसूस होता है। जब बच्चे अपनी सीमाएँ जानते हैं, तो उनमें ज़िम्मेदारी और आत्म-अनुशासन की भावना विकसित होती है।

How to Implement:

आपके द्वारा निर्धारित नियमों के पीछे के कारणों को समझाकर शुरू करें, ताकि वे केवल प्रतिबंध ही नहीं, बल्कि उद्देश्य को भी समझें। उदाहरण के लिए, अगर सोने का समय रात 9 बजे है, तो समझाएँ कि पर्याप्त नींद लेने से उन्हें सक्रिय और स्वस्थ रहने में कैसे मदद मिलती है।

नियमों को लागू करने में सुसंगत रहें, लेकिन कभी-कभी लचीलेपन के लिए भी तैयार रहें। अगर आपका बच्चा स्कूल प्रोजेक्ट पर कड़ी मेहनत कर रहा है, तो उसे थोड़ी देर और जागने देना समझदारी दिखाता है।

अनुशासन को आत्मानुभूति के साथ संतुलित करें।  बनाये हुए  नियम सख्त होने चाहिए फिर भी बच्चों  की बदलती ज़रूरतों के हिसाब से भी बदलना चाहिए। Friendly Parenting में एक ऐसा सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने में मदद मिलती है जहाँ बच्चें  समर्थित होने के साथ-साथ ज़िम्मेदार भी महसूस करते हैं।

4. बच्चों की भावनाओं को समझें (Empathy and Understanding):

Friendly Parenting पद्धति में आत्मानुभूति (Empathy) का मतलब है अपने बच्चे की जगह खुद को रखना और उनकी भावनाओं और अनुभवों को समझना। यह नियम बच्चों की भावनाओं को पहचानने के बारे में है।  उनकी भावनायें भले ही आपको छोटी लगें, फिर भी पूरी मन और स्नेह के साथ जवाब दें।

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विशेषज्ञों ने इसके होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए कहा है कि जब आप सहानुभूति दिखाते हैं, तो आपका बच्चा स्वयं को समझदार और मूल्यवान महसूस करता है, जो उसके साथ आपके सम्बन्ध  को मजबूत करता है। यह भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EQ) को भी मजबूत  करता है। जो बच्चे सहानुभूति के साथ बड़े होते हैं वे अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने और दूसरों से जुड़ने में सक्षम होते हैं।

How to Implement:

Friendly Parenting में बच्चों की भावनाओं को मान्यता देकर  शुरू करें। उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा किसी खिलौने के टूटने से परेशान है, तो यह कहने के बजाय, “यह कोई बड़ी बात नहीं है,” आप कह सकते हैं, “मैं देख सकता हूँ कि आप अपने खिलौने के बारे में वास्तव में दुखी हैं। आइए बात करते हैं कि हम इसे कैसे ठीक कर सकते हैं या इसका समाधान कैसे खोज सकते हैं।” इससे पता चलता है कि उनकी भावनाएँ मायने रखती हैं।

आत्मानुभूति वाले शब्दों और कार्यों का उपयोग करें, जैसे गले लगाना या जब वे उदास महसूस कर रहे हों तो उनके साथ बैठना। उन्हें अपनी भावनाओं के बारे में बात करने और बिना किसी निर्णय के सुनने के लिए प्रोत्साहित करें। अपने व्यवहार में सहानुभूति का उदाहरण देकर, आप उन्हें दूसरों को समझने का महत्व सिखाते हैं, जिससे एक सकारात्मक एवं भावनात्मक वातावरण बनता है।

5. बच्चों को आत्मनिर्भर बनना सिखाये (Encourage Independence):

Friendly Parenting में बच्चों की आत्मनिर्भरता से मतलब उनकी स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना है।  अपने बच्चे को उनकी उम्र के हिसाब से चुनाव करने और कुछ कार्यों की जिम्मेदारी लेने की अनुमति देना चाहिए । इससे उन्हें अपने अनुभवों से सीखने में मदद मिलती है – सफलता और गलतियों दोनों से।  साथ ही महत्वपूर्ण जीवन कौशल विकसित होते हैं।

उन्हें खुद से समस्याओं का पता लगाने और हल करने का मौका देकर, आप उन्हें उनकी क्षमताओं में आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।

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विशेषज्ञों ने इसके होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए कहा है कि जब बच्चों को निर्णय लेने और कार्यों को प्रबंधित करने के अवसर दिए जाते हैं, तो उनमें मजबूत समस्या-समाधान कौशल विकसित होते हैं। स्वतंत्रता सदैव बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ावा देती है, क्योंकि बच्चे अपनी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं।

How to Implement:

बच्चों की उम्र के हिसाब से स्वतन्त्रता की शुरुआत ऐसे कामों से करें जिन्हें वे संभाल सकें। छोटे बच्चों के लिए, उनके कपड़े स्वयं चुनना, उनके खिलौने साफ करना या टेबल सेट करने में मदद करना हो सकता है। बड़े बच्चों के लिए, उन्हें अपने होमवर्क रूटीन के बारे में निर्णय लेने दें या पारिवारिक गतिविधियों की योजना बनाने में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

Friendly Parenting में बच्चों के प्रयासों का समर्थन करें, बिना उन पर नियंत्रण किए, भले ही परिणाम सही न हों। उदाहरण के लिए, अगर उन्हें अपने जूते बांधना सीखने में परेशानी हो रही है, तो उन्हें धैर्यपूर्वक मार्गदर्शन दें, लेकिन उन्हें तब तक प्रयास करने दें जब तक वे सफल न हो जाएं।

समर्थन और स्वतंत्रता का यह संतुलन बच्चों को आत्मविश्वासी, सक्षम व्यक्ति बनने में मदद करता है जो अपनी क्षमताओं पर भरोसा करते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

अन्ततः उपरोक्त तथ्यों को देखते हुए हम कह सकते है कि यदि अभिभावक को वर्तमान समय के अनुसार Effective Parenting करनी है तो उपरोक्त Positive Parenting Technique अपनाकर बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं संवेगात्मक विकास में हम अभिभावक के नाते अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकते है।

दिन-प्रतिदिन के अभिभावकीय जीवन में हम यदि उद्देश्य बनाकर उपरोक्त तकनीकों का प्रयोग अपने बच्चों के पालन-पोषण में करते है तो उसका परिणाम बच्चों के जीवन में अवश्य ही सकारात्मक एवं लाभकारी होगा।

अन्त में यह कहते हुए इस Blog Post को समाप्त करेंगे कि Friendly Parenting का मतलब सिर्फ़ आज बच्चों का मार्गदर्शन करना नहीं है; इसका मतलब है उन्हें kind, confident, एवं  empathetic वयस्क बनाना जो वे कल बनेंगे। सिर्फ प्यार, विश्वास और समझ को बढ़ावा देकर, आप अपने बच्चे और समाज दोनों के लिए एक उज्जवल भविष्य में निवेश कर रहे हैं।

करने योग्य कार्य :

आपकी पसंदीदा Friendly Parenting तकनीकि क्या है? नीचे टिप्पणियों में अपने विचार या सुझाव साझा करें। मुझे आपसे सुनना अच्छा लगेगा! आइए हम अपने बच्चों के लिए सकारात्मक और पोषणीय  वातावरण बनाते हुए एक साथ सीखें और बढ़ें।
अगर आपको ये Parenting Tips मददगार लगीं, तो इस ब्लॉग पर टिप्पणी करना न भूलें या अधिक व्यावहारिक पेरेंटिंग टिप्स और सलाह के लिए हमसे बेझिझक जुड़ सकते है। आइए खुश, आत्मविश्वासी और भावनात्मक रूप से मज़बूत बच्चों की परवरिश की इस यात्रा को जारी रखें!

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